त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ ** आप अपना हर तरह का फीडबैक ह
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ ** आप अपना हर तरह का फीडबैक ह