Detailed Notes on Shiv Chalisa lyrics

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने more info के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

इनमें से सोमवार को भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाना शुभ होता है?

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

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